छोड़ के सारी फ़िक्र नये साज सजाले हम..
कल का भरोसा क्या आज मौज मनाले हम
कुछ वक्त के लिए थाम लो तुम मेरा हाथ
तुम्हारे नाम की महेंदी हाथोमें रचाले हम
इश्क का थोडा नशा जब हो जाये तैयार
आंखो के दो मैयखाने मे तुम्हे बीठाले हम
भुला दे कुछ देर सारों रश्मो रिवाज आज
तेरे ख्यालो को कुछ पल गले लगाले हम
कुछ और नही तो राज दिलके खोलेंगे हम
शर्मो हयां के परदे कुछ पल हटाले हम
तनहाईओ में अकसर देर तक जागते रहे
कुछ ऐसा करे अब तेरी निंद चुराले हम
यु तो सितम होता नहीं वफ़ा ऐ ईश्क में
चलो आज फिर जि भर तुम्हे सताले हम
गीत गज़लों से अब दिल नही भरता मेरा
हाल दिलो का रूबारूं होकर जताले हम
चांद, सुरज की रोशनी पे गुरुर मत करनां
कुछ देर अपने चहेरे से नकाब हटाले हम
शराफत की शाख पे खिले फूल जैसे हम
जीद पे आ गये तो दिनमें तारे दिखाले हम
~ रेखा पटेल ‘विनोदिनी’
Leave a Reply