ये बारिस का क्या कहना !!!
हाय कैसा दीवाना बारिशो का ये मौसम होता है
कही ख़ुशी देता है तो वही कहीं परेशानी ढोता है
ये बारिस का क्या कहना !!!
कभी टूटकर प्यार साथ कही मुस्कान भरता है
कही प्यास जलन के साथ आंखो में आंसू देता है
ये बारिस का क्या कहना !!!
कही चाय का मज़ा कही शराबका नशा देता है
कही जाकर टपकता ताड़पत्री का छप्पर घोता है
~ रेखा पटेल ‘विनोदिनी’
( आजकी धुआंधार बारिस के नाम )
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