सायबा मोहे रंग दे रे,
थोडो सो म्हारे तू झांक रे.
बाज्यो तो धमाधम ढोल रे,
झांझरियो आछो काई बोल्यो,
म्हारे कंकू का टिका दे,
चम चम मोहे तू चमका दे
सायबा मोहे रंग दे रे,
थोडो सो म्हारे तू झांक रे.
म्हारे चुन्दडी में लागा रंग रे
चोक्खो थोडोसो मोहे प्रीत दे
म्हारी नथली ए पळ्कादार,
म्हारे मोतिया शेर जड़ दे,
सायबा मोहे रंग दे रे,
थोडो सो म्हारे तू झांक रे.
~ रेखा पटेल ‘विनोदिनी’
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