ख्वाबो का आशियाना
ख्वाबो में तूम्हारा आशियाना बनायेगें।
उम्र तो अब तेरी पनाह में गूजारेगें।।
जी करता हे तूम्हारी आगोंश में आयें।
यें शौकिया अंदाजें बयां आपके पायेगें।।
आप की पलको पें ख्वाब बन सज जायेगें।
वादा रहा फिर बिछड के ना दूर जायेगें।।
वफा की कहानी बन के सब को याद आयेगें।
जन्नत हमारे प्यार की उसी जहाँ में बसायेगें।।
काजल ख्वाबो को टुटने नही देगी कभी।
सांसो मे तेरे नाम का दम भरते जायेगें।।
काजल
किरण पियुष शाह
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