नाम तेरा रखा होठो पे सजाया हमने।
फीर छुपा लीया भरे संसार मे सबसे।।
ख्याल तेरा हरदम रहता साथ मनमें।
मुखौटा पहनकर छुपा भाव दीया तुमने।।
जल उठा तनबदन ईश्ककी लो से।
चहेरा तेरा देखा छा गया शकुन तनमें ।।
ख्वाबगाह हमारी तेरे ईन्तझारमें।
पायल की झनकार बजती रातमें।।
सितारे झीलमीलाते रहे रात भर।
झजबात दोनो के एकसे ऊभरे साथमें।।
आशीकी रंग लाई लोगो की जुबां पे।
बदनाम होकर नाम बनगया जमानेमें।।
आलम कुछ युं हुवा तेरे जाने के बाद।
बदहवासी छा गयी हमारे सारे वजुदपें।।
काजल
किरण पियुष शाह
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