ये केसा कोहरा सा छाया हे हमारे रिश्ते मे,
ये घना धुम्मस दूर तक फैला हे हमारे रिश्ते मे।।
दूरतक आवाज देती रही मेरी खामोशीया तुझे,
एकबार देखना मुनासीब ना माना हमारे रिश्ते मे।।
दुवा मेरी हमराह तेरे लिए ही रहेगी सदा ही,
चाहे या ना चाहे ये मरजी, जाना हमारे रिश्ते मे।।
काश कभी तुझे भी ये अहसास हो जाये,
प्यार वो प्यारा अहसास हे, पाना हमारे रिश्ते मे।।
काजल कहानी को आज हकीकत समज बैठी,
ऐसे मे सबको नाराज कर आना हमारे रिश्ते में।।
काजल
किरण पियुष शाह





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