कुछ बातों को सिर्फ बात रहने दो,
गुजरी रातो को सिर्फ रात रहने दो,
कुछ बातों को सिर्फ…
अगर कुछ भी तुम बदल न पाओ,
है जो हालात, वही हालात रहने दो,
कुछ बातों को सिर्फ…
बिना कहे कोन इस कदर रूठा है,
कुछ दिन तो ये सवालात रहने दो,
कुछ बातों को सिर्फ…
न कर शको किसी से बात हमारी,
तो राज हर वो मुलाकात रहने दो,
कुछ बातों को सिर्फ…
डर अगर लगता है, छोड़ दो हमे,
वरना पीछे पूरी कायनात रहने दो,
कुछ बातों को सिर्फ…
~ सुलतान सिंह ‘जीवन’
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