कुछ और नहीं जब,तब हम खुद की बात करते है.
हॅसी ख़ुशी के साथ थोड़ी गम की बात करते है.
सब कुछ है पास फिर क्यूँ कम की बात करते है.
हैं कौन अपना पराया, हम किसकी बात करते है.
ख़ास बहुत, आमने सामने जीस की बात करते है.
वक्त के साथ ढलकें, खुदसे उम्र की बात करते है.
छूट गया वो पराया, अब आगे की बात करते है.
हर मुश्किलमें साथ दें वो रिश्ते की बात करते है.
रुकना नहीं है बढ़ते रहना, दिल की बात करते है.
हो तन्हाई या महेफिल हम जीने की बात करते है.
– रेखा पटेल
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