तू किसीके प्यारमें करके इंतज़ार इकबार तो देख
जमाने को छोड़, प्यार पर करके एतबार तो देख।
तू हाल-ए-दिल बया न करे तो कोई गिला नहीं
खत में ही सही प्यार की बाते लिखकर तो देख।
सच पूछिये तो सफ़र महोब्बत का आसान कहाँ
थक जाए अगर तू राहमें हाथ बढ़ाकर तो देख।
वो सब सुनाई देता है, जो तुमने कभी कहा नहीं
एक बार साँसों की हरारत ज़रा थामकर तो देख।
प्यार को लफ़्जों की हद में बाँधना मुमकिन नहीं
मुजको ग़ालिब कभी हसरत समजकर तो देख।
~ रेखा पटेल ‘विनोदिनी’
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