किसी को चाहना तो कोई खता नही होती,
इश्क करने की भला कोई सजा नही होती,
वेसे तो मुलाकाते भी आम बात हो जाती है,
लेकिन हर मुलाकात भी तो खास नही होती,
सूखा पड़ा हर कोना वह छान चुके है यहाँ,
लेकिन यहा पर अब वो बरसात नही होती,
एक हद तक हर बात को छुपाना ठीक है,
लेकिन हर बार बाते सिर्फ राज नही होती,
लिखी जाती है जहाँ पर दस्ताने इश्क की,
दिल तोड़ने वाली वहा कोई बात नही होती,
बंदिशो मे रहती होंगी, तिलमिलाती चाहते,
लेकिन बिना इश्क वहा बरसात नही होती,
वक्त का क्या है, आज तेरा कल मेरा होगा,
ये बंदिशे तो किसी की महोताज नही होती,
~ सुलतान सिंह ‘जीवन’
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