जैसा कहेंगे वैसा ही करेंगे
धूप के बाज़ारो से पानी भरेंगे
मोबाईल मे क़ैद है छुट्टियां सारी
अब न बच्चे, नाना नानी करेंगे
मैंने छूने मे वक़्त इस लीये लिया
शायद आप आना कानि करेंगे
पहेली सिम्त मे इस लीये खड़े थे
भरोसा था आप न हानी करेंगे
वक़्त हो चला है रुस्वा होने का
जगह देने की महेरबानी करेंगे
सज़दे मे जुके है तो अब आप
जो चाहे वो बस मनमानी करेंगे
~ हिमांशु मेकवान
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