औरों की गलतिओं को आसानी से भूल जाते है,
क्यूँ अपनो को माफ़ नहीं कर पाते?
किसीको माफ़ करने का मतलब,
अपना ही बोझ हटाना है.
औरों का एक एहसान सालों याद रखते है.
क्यूँ अपनो का आभार तक नहीं मानते?
कीसीका सुक्रीया अदा करने से,
अपनी ही सद्भावना बढ़ती है.
औरो के लिए जी जान लुटाते है.
क्यों अपनों को खुशी देने से कतराते है?
वो तो अपने मिलते ही निकल जाएँगे,
अपने पास रहे तो जीवनभर साथ निभाते हैं.
– रेखा पटेल
Leave a Reply