तुम और तुम्हारी यादें
लम्बी लम्बी बातें करती
प्यारी सी आँखें सामने रहतीं,
पल दो पल नैन मिलाती,
उड़ा कर होश ग़ायब हो जातीं
तुम और तुम्हारी यादे .
दुखोंके सागरसे उभारती
हॅसी के फुवारे छोड़ती,
तपती धूपमें छाया बनती,
चांदनी रातोंमे बहोत जगाती
तुम और तुम्हारी यादे .
कभी इत्र सी महकती
कभी कोई कमी खटकती,
तब आँखोमे नमी भर जाती,
फिर धीरे से सहलाती
तुम और तुम्हारी यादे .
सालों-साल की दुरीया मिटातीं
बालोंकी सफेदी रंग जाती,
उम्रको कुछ हद तक घटाती,
पुरानी तसवीर सी मिल जाती
तुम और तुम्हारी यादे .
– रेखा पटेल
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