तमन्ना..
चांद को पाने की तमन्ना ..
हर आशीक करता हे
चांद में तो दाग है
फिर भी पाकीजगी हे .
मेरा मेला जीस्म जैसे.
दागदार है..
तेरी पाकीजकी की चाह ..
शायद उस जन्म ..
मेरा मुकदर नहीं बन सकती..
ख्वाबो में मेरी तस्वीर ही रहीं..
तो कया हुवा?
मेरी आरजु मेरी उम्मीद तो आप ही हो.
कसम हमे हमारी अगर कभी जीक्र भी हो हमसे..
रुश्वा न करेगे सरे आम महोब्बत को..
आपके नाम से शुरु आपके नाम पें खतम कहानी ..मेरी ही.
हमसफर ना सही ..
मेरी दिली तमन्ना …
आंखोमें आपकी तस्वीर, दिलकी धडकनमे आप..
हाथो की लकीर में ना सही..
अंतिम पल चहेरा नजरमे आपका ही हो..।।
काजल
किरण पियुष शाह
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