-
ना मिलते तो अच्छा था ……
भूलने का बहाना करते, हम भूल सकते तो अच्छा था कभी खुद को खोते, सोचते ना मिलते तो अच्छा था
-
-
-
-
धूप में ठंडी छाँव जैसा
भूलाकर अपने गम वो खुशियाँ देता है यार को बनकर नादाँ “प्यार”को जिन्दा रखता वो प्यार है.
-
-
देखके तुमको ना देखा
आसाँ नहीं था वफ़ा नीभाना,पर बेवफाई कर ना शके दिलकी बातें दिलमें रखकर इश्कमें अपना साँझा दिया
-
-
-
-
-
-
तेरी मौजुदगी का मेरी
अब मिलेंगे तो ना जाने देंगे युँ बाहरसे आपको सुनाएगे हमारी तनहाई के जो किस्से हजार है
-
-
तूम अगर सामने हो
तूम अगर सामने हो मेरे, तो हर जगह ख़ास है. वरना जैसे, समंदरके सामने पानी और प्यास है.
-
-
-
-
-
-
-
-
-