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चांदनी भी शरमाके भाग गई तेरे आने से
All of the Poetries written by Kiran Piyush Shah are here for you to Read. Let’s Join the Journey of her into Gujarati Literature.
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आइए, बदलाव की शुरुआत करते है
समाज लोगो से बनता है, समाज अच्छी सोच से बनता है, समाज सही फैसलो से बनता हैं, समाज सच्ची नियत से बनता है।
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रिस्ते दार अब कोई नही है, मिलते सब व्यापारी है,
कौन समाज कौन से लोग, रीतियां उनकी न्यारी है, पैसा देख कर रिस्ते निभाते, दौलत उनको प्यारी है,
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फ़ाधर्स डे २०२० : पिता को समर्पित खास दिवस का इतिहास और महत्व
मां की ही तरह हमारे जीवन में पिता का महत्व भी बेहद खास ओर अतुल्य होता है। अगर मां हमारी जन्मदाता हैं, तो वही दुसरी ओर पिता हमारे पालनहार होते है। #fathersday #parents #sarjak #celebration #father #hindi #litrature
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महाभारत : दिव्यास्त्रो की प्राप्ति
हर कोई जानता था की युध्ध किसी भी हाल में अब नहीं टलने वाला है। क्योकि हस्तिनापुर की राजसभा में जो कुछ भी हुआ था और जो प्रतिज्ञा और श्राप उस सभा में दिए गए थे, उसके बाद वनवास ख़तम होते ही युध्ध का होना लगभग नियति बन चूका था
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महाभारत : पांडवो की तीर्थ यात्रा
धर्मराज युधिष्ठिर ने उनका लोमश ऋषि का यथोचित आदर-सत्कार करते हुए स्वागत किया और उन्हें उच्चासन भी प्रदान किया। लोमश ऋषि युधिष्ठीर की चर्चा के बारेमें जानते थे इस लिए उन्होंने समजाया की पांडवगण आप लोग अर्जुन की चिंता बिलकुल न करे, वह पूर्णत सहकुशल हे।
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इस आगन मे, ना आयेगी
‘काजल’ जीदगी की जगह दे देते है मौत। दे देते है मौत ..मौत #sarjak #poets #poetry #gazal #poetscorner #hindi #kiranshah #kajal
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आपकी आवाज के तलबगार
आपकी आवाज के तलबगार है हम। एक आपकी नजर के प्यासे है हम। #sarjak #poets #poetry #gazal #poetscorner #hindi #kiranshah #kajal
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अेक मनचाही तस्वीर हो तुम
अेक मनचाही तस्वीर हो तुम। शायद मेरी खुल्ली हुइ आंखो की चाहत हो तुम। #sarjak #poets #poetry #gazal #poetscorner #hindi #kiranshah #kajal
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जींदगी ओ जींदगी कीतने रुप तेरे
जींदगी ओ जींदगी कीतने रुप तेरे, समजना पाया आजतक कोइ। #sarjak #poets #poetry #gazal #poetscorner #hindi #kiranshah #kajal
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लगता है चैन खो के
लगता है तुम्हे बी कीसी केप्यार के मरीज बना गया के बन गए तुम। #sarjak #poets #poetry #gazal #poetscorner #hindi #kiranshah #kajal
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सुनाऊँ धड़कन का ताल
मै सिर्फ हुँ परछाई, इसी दिल में तुम पले हो पैरो पे तेरे किये है सजदे,दुआ में तुम भरे हो
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वाह रे तेरी खुदाई !!!
जुदा करने वाले को भी दुरिया खलती है कभी गर्मी में आग और बर्फ होकर सर्दियो में बरसा वो कभी
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लगता है बरखा की ऋतु आ गयी
रिमज़िम घुंघरू बाँध के देखो धूम बरसाने लगी.. छोड़कर शर्मो हया धरती बिन छाता नहाने लगी ..
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